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पूंजीगत बजट और राजस्व बजट के तहत एक वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार की अनुमानित प्राप्य और देय राशि।
नीति निर्माता और उद्योग, अर्थव्यवस्था पर बजट के राजकोषीय प्रभाव और वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजटीय विनिवेश लक्ष्य पर भी नज़र रखेंगे। पिछले साल, सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा था। इसमें से सरकार ने अब तक लगभग 31,000 करोड़ रुपये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में अपनी इक्विटी बेचकर जुटाए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार, 31 जनवरी को चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था का रिपोर्ट कार्ड, आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 भी पेश किया। सर्वेक्षण के अनुसार, अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत की आधारभूत वास्तविक जीडीपी वृद्धि के साथ 6-6.8 प्रतिशत आंकी गई है। बेसलाइन परिदृश्य पर देश की सांकेतिक आर्थिक वृद्धि 11 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है।
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